टोल प्लाजा पर Fastag ड्रामा: ब्लैकलिस्ट होगी गाड़ी, भरना पड़ेगा फाइन! टोल जाम का असली गुनहगार कौन?

गाड़ी से लंबी दूरी तय करने वालों के लिए Fastag अब कोई नया नाम नहीं है। लेकिन अब यही Fastag एक नए विवाद का कारण बन गया है। देश भर में टोल प्लाजा पर हो रही गड़बड़ियों और ट्रैफिक जाम की बढ़ती समस्या को लेकर NHAI ने सख्ती का मन बना लिया है। Fastag यूज़र्स की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। NHAI ने अब एक नई रणनीति पर काम शुरू किया है, जिसमें ढीले-ढाले Fastag यूज़र्स को सीधा ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। यानी जो Fastag सही तरीके से काम नहीं कर रहा, या जिसकी जानकारी अधूरी है, अब उसकी गाड़ी टोल पर रोकी जा सकती है।

ब्लैकलिस्ट Fastag यूज़र्स की बनेगी लिस्ट

Fastag के इस्तेमाल में लगातार आ रही दिक्कतों और फर्जीवाड़े के मामले NHAI के लिए सिरदर्द बन चुके हैं। बड़ी संख्या में ऐसे वाहन हैं जिनके Fastag तो लगे हैं, लेकिन उनमें जरूरी जानकारी नहीं डाली गई है, या फिर वो बार-बार फेल हो रहे हैं। ऐसे Fastag सिस्टम को गड़बड़ कर देते हैं और टोल प्लाजा पर लंबी कतारों की वजह बनते हैं। इसी को सुधारने के लिए NHAI अब ऐसे सभी वाहन चालकों की लिस्ट तैयार कर रहा है जो “loose Fastag” यानी अधूरी जानकारी वाले या गलत तरीके से इंस्टॉल Fastag इस्तेमाल कर रहे हैं। NHAI ने इसे टोलिंग सिस्टम के लिए खतरनाक बताया है।

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Fastag टोलिंग सिस्टम की परेशानी

Fastag का मकसद था कि टोल प्लाजा पर बिना रुके गाड़ियां निकलें और सारा भुगतान डिजिटल हो। लेकिन ground पर Fastag सिस्टम में काफी खामियां निकल कर सामने आई हैं। एक तो कई ड्राइवर Fastag को ठीक से लगाते ही नहीं हैं, ऊपर से कुछ जानबूझकर पुराना या एक्सपायर्ड Fastag इस्तेमाल करते हैं ताकि सिस्टम उसे स्कैन न कर सके। कई बार ऐसा भी होता है कि Fastag तो होता है, लेकिन वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर मेल नहीं खाता। ऐसे मामलों में टोल पर रोक-टोक होती है और ट्रैफिक रुक जाता है। यही कारण है कि अब Fastag ब्लैकलिस्ट करने की बात सामने आई है।

ब्लैकलिस्ट Fastag से क्या होगा असर

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अगर आपकी गाड़ी का Fastag “loose” कैटेगरी में आता है और NHAI की निगरानी में आ गया, तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। इसका मतलब है कि उस Fastag से पेमेंट नहीं होगा और वाहन को टोल प्लाजा पर रोका जा सकता है। इससे ना सिर्फ गाड़ी रुक जाएगी, बल्कि चालक को फाइन भी देना पड़ सकता है। NHAI का कहना है कि यह कदम जरूरी है ताकि टोलिंग सिस्टम पारदर्शी और स्मूथ बनाया जा सके। Fastag ब्लैकलिस्ट होने का सीधा असर उन गाड़ियों पर पड़ेगा जो लापरवाही से Fastag इंस्टॉल करती हैं या जानबूझकर गलत जानकारी देती हैं।

Fastag यूज़र्स के लिए बड़ी चेतावनी

NHAI ने साफ तौर पर कहा है कि अगर Fastag को सही ढंग से नहीं लगाया गया या उसमें सही जानकारी नहीं दी गई, तो वह ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। जो वाहन चालक सोचते हैं कि टोल बचाने के लिए Fastag के साथ खिलवाड़ कर सकते हैं, उनके लिए ये चेतावनी है। Fastag को लेकर यह नई नीति सख्ती से लागू की जाएगी और टोल प्लाजा पर निगरानी और तेज़ होगी। वहीं NHAI ने टोल ऑपरेटरों को भी निर्देश दिए हैं कि वो गाड़ियों के Fastag को अच्छे से स्कैन करें और हर गड़बड़ी की रिपोर्ट भेजें।

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फंसा तो ना बोलियो! NHAI की रणनीति दमदार

Fastag सिस्टम को लेकर चल रही शिकायतों और गड़बड़ियों को देखते हुए NHAI अब पीछे हटने को तैयार नहीं है। इस बार बात सिर्फ निर्देशों की नहीं है, बल्कि सीधे ब्लैकलिस्ट करने तक पहुंच चुकी है। गाड़ियों की पहचान, Fastag की वैधता और टोल भुगतान की पूरी प्रक्रिया को सुधारने के लिए अब पूरी तरह से तकनीक का सहारा लिया जाएगा। जो वाहन चालक सिस्टम के साथ खेलना चाहेंगे, उन्हें अब फाइन और रोक जैसी सज़ा भुगतनी पड़ सकती है।

Disclaimer:
यह लेख केवल सूचना के लिए है। किसी भी निर्णय से पहले स्वयं शोध करें। लेखक या प्रकाशक किसी नुकसान के लिए ज़िम्मेदार नहीं हैं।

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